Dark Web kya hai ? उससे पहले आपको ये जानना होगा कि वेब क्या होता है ? अगर आप वेब के बारे में जान लेते हैं तो आपको डार्क वेब और डीप वेब के बारे में जानने में आसानी होगा ।
वेब या वर्ल्ड वाइड वेब (www) एक इंटरनेट सर्वर का सिस्टम है जो फॉर्मेट किया हुआ डॉक्यूमेंट सपोर्ट करता है । डॉक्यूमेंट को फॉर्मेट HTML ( एच टी ऍम एल ) से किया जाता है ।
HTML ( एच टी ऍम एल ) जो कि दूसरे डॉक्यूमेंट का लिंक को सपोर्ट करता है जैसे कि फोटो, ग्राफ़िक्स, वीडियो, ऑडियो और भी बहुत सारा ।
इसका मतलब ये है कि आप एक डॉक्यूमेंट से दूसरे डॉक्यूमेंट पर बहुत ही आसानी से जा सकते हैं, बस आपको उस लिंक पर क्लिक करना है ।
सभी इंटरनेट सर्वर, वेब या वर्ल्ड वाइड वेब (www) का हिस्सा नहीं है । आप इसे इंटरनेट नहीं बोल सकते हैं, यह इंटरनेट जैसा सुनने में लगता है लेकिन ये इंटरनेट नहीं है। इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (www) अलग अलग है ।
आसान भाषा में अगर बोले तो वेब या वर्ल्ड वाइड वेब (www) एक आसान तरीका है, इंटरनेट के माध्यम से जरुरी सुचना या जानकारी पाने का ।
Level of Internet :
इंटरनेट के 3 लेवल होते है ।
1.) सरफेस वेब (surface web)
2.) डीप वेब (Deep Web)
3.) डार्क वेब (Dark Web)
1.) सरफेस वेब (Surface Web)
आप जो भी वेबसाइट अपने ब्राउज़र से एक्सेस करते हैं । वो सब सरफेस वेब का हिस्सा है । जैसे कि गूगल का वेबसाइट, फेसबुक का वेबसाइट, canva , ट्विटर या कोई भी वेबसाइट जो आप सर्च करके अपने ब्राउज़र से खोलते हैं । सारा सरफेस वेब का हिस्सा है ।
सरफेस वेब, वर्ल्ड वाइड वेब ( www ) या वेब एक हिस्सा है, जिसे आप और हम जैसे साधारण इंसान इस्तेमाल करते हैं । जो आम जनता के लिए बना है। इसको आप अपने सर्च इंजन गूगल या फिर बिंग से चलाते हैं ।
आप गूगल पर जो चीज़ सर्च मारते हैं, उसके बाद उस वेबसाइट पर जाते है, चाहे वो कोई भी वेबसाइट हो, वो सरफेस वेब में आता है ।
2.) डीप वेब ( Deep Web )
डीप वेब, इंटरनेट का वो हिस्सा है जो आप अपने सर्च इंजन जैसे कि गूगल, बिंग, याहू से नहीं खोल सकते हैं । इसमें ऐसे ऐसे पेज होते हैं, जो कि इंडेक्स नहीं किया हुआ होता है, जैसे कि प्राइवेट डेटाबेस, बड़े बड़े ख़ुफ़िया लोगों का वेबसाइट, गैर कानूनी बिज़नेस का वेबसाइट और भी बहुत कुछ ।
गूगल जैसे सर्च इंजन में आप जितना भी कोशिश कर लें आप ये सब वेब साइट को नहीं ढूंढ पाएंगे, क्यों कि ऐसे वेबसाइट सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं किया गया है ।
डीप वेब का वेबसाइट का लिंक कुछ इस प्रकार रहता है । abcda882432.oninon, helow234234wki.onion ये सब लिंक को आप अपने ब्राउज़र जैसे कि गूगल क्रोम, फायर फॉक्स से नहीं खोल पाएंगे ।
इन सब वेबसाइट को खोलने के लिए आपको टॉर ब्राउज़र चाहिए । हालाँकि कुछ कुछ वेबसाइट को आप अपने क्रोम ब्राउज़र या फिर फायर फॉक्स ब्राउज़र पर खोल सकते हैं, आपको बस उस वेबसाइट का लिंक पता होना चाहिए और वो वेबसाइट का लास्ट में डॉट अनियन (dot onion) नहीं होना चाहिए । तो आप डीप वेब का कुछ वेबसाइट को खोल सकते हैं ।
3.) डार्क वेब (Dark Web) :
Dark web, Deep Web जैसा ही है, बस इसमें सारे गैर कानूनी काम होते हैं । Deep Web में सरकारी डेटाबेस, खुपिया डेटाबेस, प्राइवेट डेटाबेस जैसे वेबसाइट होते हैं । लेकिन डार्क वेब में सभी के सभी काम गैर कानूनी होते हैं ।
डार्क वेब में आप ड्रग्स बेच सकते हैं, आप क्रेडिट कार्ड चुराया हुआ पा सकते हैं , बच्चियों का रेप वीडियो पा सकते हैं, लोगों को सताने वाला वीडियो पा सकते हैं ।
यहाँ पर आप सभी गलत काम वाले वेबसाइट ही पाएंगे। इसलिए इसका नाम डार्क वेब है ।
Dark Web को कैसे चलाते हैं ?
इसको चलाने के लिए आपको सबसे पहले (TOR) टॉर ब्राउज़र चाहिए । आप नार्मल ब्राउज़र से इसको नहीं चला पाएंगे । टॉर ब्राउज़र इनस्टॉल करने के बाद आपको वेबसाइट का लिंक पता होना चाहिए, तब ही आप डार्क वेब पर कोई भी वेबसाइट खोल सकते हैं ।
Dark Web पर बहुत सारे चैट रूम मिल जायेंगे। आपको वह से गैर कानूनी वेबसाइट का लिंक मिल जायेगा । क्यों कि वहाँ पर बहुत सारे हैकर आपको मिल जायेंगे।
Warning : आप डार्क वेब पर कोई भी वेबसाइट खोलने से पहले हज़ार बार सोच लें । आप वहाँ पर अपना मोबाइल, ईमेल का इस्तेमाल कभी ना करें । आपका बैंक अकाउंट खाली भी हो सकता है, आपका मोबाइल या कंप्यूटर से डाटा लीक भी हो सकता है।
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