Wednesday, May 21, 2025
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बायजू रवींद्रन: जीवन परिचय, BYJU’S की सफलता और चुनौतियां (2025 अपडेट)

बायजू रवींद्रन

परिचय : बायजू रवींद्रन

बायजू रवींद्रन एक ऐसा नाम है जो आज भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में जाना जाता है। एक साधारण शिक्षक परिवार से आने वाले बायजू ने अपनी मेहनत, लगन और नवाचार की सोच के दम पर BYJU’S नामक एक ऐसी कंपनी की नींव रखी, जिसने ऑनलाइन शिक्षा को नई दिशा दी।

उनकी कहानी प्रेरणा का एक जीवंत उदाहरण है, जो यह साबित करती है कि सही दृष्टिकोण और जुनून के साथ कोई भी व्यक्ति असाधारण सफलता हासिल कर सकता है। हालांकि, हाल के वर्षों में उनकी कंपनी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, फिर भी बायजू का योगदान और उनकी यात्रा शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा याद की जाएगी।

इस लेख में हम उनके जीवन, करियर और BYJU’S की कहानी को विस्तार से जानेंगे।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

बायजू रवींद्रन का जन्म 5 जनवरी 1980 को केरल के कन्नूर जिले के अझिकोड गांव में हुआ था। उनके पिता रवींद्रन एक भौतिकी शिक्षक थे, जबकि उनकी मां शोभनवल्ली गणित की शिक्षिका थीं। शिक्षकों के परिवार में जन्म लेने के कारण बायजू का रुझान शुरू से ही पढ़ाई और ज्ञान की ओर था।

हालांकि, वह पारंपरिक स्कूली शिक्षा से ज्यादा आत्म-शिक्षा (सेल्फ-लर्निंग) में विश्वास रखते थे। उन्होंने मलयालम माध्यम के एक स्थानीय स्कूल में पढ़ाई की, जहां उनकी मां गणित पढ़ाती थीं। बायजू अक्सर कक्षा छोड़कर घर पर ही पढ़ाई करते थे, जिससे उनकी स्वतंत्र सोच और सीखने की शैली विकसित हुई।

स्कूल के बाद, बायजू ने कन्नूर के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के साथ-साथ वह खेलों में भी सक्रिय थे और फुटबॉल, क्रिकेट, टेबल टेनिस और बैडमिंटन जैसे खेलों में विश्वविद्यालय स्तर पर हिस्सा लेते थे।

उनके माता-पिता ने उन्हें कभी भी पढ़ाई के लिए दबाव नहीं डाला, बल्कि खेल और रचनात्मकता को प्रोत्साहित किया। यह संतुलित परवरिश उनकी सफलता का एक आधार बनी।

करियर की शुरुआत: इंजीनियर से शिक्षक तक

इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद बायजू ने एक बहुराष्ट्रीय शिपिंग कंपनी में सर्विस इंजीनियर के रूप में नौकरी शुरू की। यह नौकरी उन्हें विदेश ले गई, लेकिन उनकी जिंदगी में असली बदलाव तब आया जब वह 2003 में छुट्टियों के लिए भारत लौटे। उस समय उनके कुछ दोस्त CAT (कॉमन एडमिशन टेस्ट) की तैयारी कर रहे थे। गणित में उनकी प्राकृतिक प्रतिभा को देखते हुए दोस्तों ने उनसे मदद मांगी। बायजू ने न केवल उनकी मदद की, बल्कि खुद भी यह परीक्षा दी और 99वें प्रतिशताइल में स्कोर किया। यह उनके लिए कोई तैयारी के साथ नहीं, बल्कि एक प्रयोग था। अगली बार जब उन्होंने यह परीक्षा दी, तो फिर से उन्होंने 99वां प्रतिशताइल हासिल किया।

इस सफलता ने उन्हें आत्मविश्वास दिया और दोस्तों की प्रेरणा से उन्होंने CAT की तैयारी कराने का काम शुरू किया। शुरुआत में यह छोटे स्तर पर था, लेकिन उनकी अनोखी शिक्षण शैली और जटिल समस्याओं को आसान बनाने की कला ने उन्हें जल्द ही लोकप्रिय बना दिया। 2005 तक वह पूर्णकालिक शिक्षक बन गए और अपनी नौकरी छोड़ दी। उनकी कक्षाएं इतनी लोकप्रिय हो गईं कि उन्हें पहले क्लासरूम, फिर ऑडिटोरियम और अंत में स्टेडियम में पढ़ाना पड़ता था। एक समय में उनके पास 20,000 से ज्यादा छात्र होते थे।

BYJU’S की स्थापना और सफलता

2009 में बायजू ने अपनी कक्षाओं को रिकॉर्ड करना शुरू किया ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक पहुंचा जा सके। उनके कुछ पुराने छात्रों, जो IIM से पासआउट थे, ने सुझाव दिया कि वह इसे एक बड़े स्तर पर ले जाएं। इस विचार से प्रेरित होकर, 2011 में बायजू ने अपनी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ के साथ मिलकर “थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड” की स्थापना की। शुरुआत में यह कंपनी K-12 (कक्षा 1 से 12) और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए वीडियो आधारित शिक्षण सामग्री प्रदान करती थी।

2015 में BYJU’S ऐप लॉन्च हुआ, जो उनकी सफलता का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इस ऐप ने एनिमेटेड वीडियो, इंटरैक्टिव क्विज़ और गेम्स के जरिए शिक्षा को रोचक और सुलभ बनाया। स्मार्टफोन और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथ यह ऐप तेजी से लोकप्रिय हुआ। लॉन्च के कुछ ही महीनों में इसके 20 लाख डाउनलोड हो गए।

2016 में BYJU’S को चैन-जकरबर्ग इनिशिएटिव (मार्क जकरबर्ग और उनकी पत्नी प्रिसिला चैन की संस्था) से फंडिंग मिली, जो इसे एशिया की पहली ऐसी स्टार्टअप बनाती है। इसके बाद Tencent, Sequoia Capital और Tiger Global जैसे बड़े निवेशकों ने इसमें निवेश किया।

2022 तक BYJU’S की वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी, और यह दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक कंपनियों में से एक बन गई। कंपनी ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेज (2021 में 1 अरब डॉलर में) और व्हाइटहैट जूनियर जैसे बड़े एप्लीकेशन को खरीद लिया ।  इस दौरान इसके 150 मिलियन से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स थे, जिनमें से 6.5 मिलियन पेड सब्सक्राइबर्स थे। बायजू का सपना था कि वह शिक्षा को डिज्नी की तरह मनोरंजक और सुलभ बनाएं, और इसमें वह काफी हद तक सफल रहे।


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निजी जीवन

बायजू ने 2009 में अपनी एक छात्रा दिव्या गोकुलनाथ से शादी की। दिव्या उनकी कक्षाओं में पढ़ती थीं और बाद में उनकी सह-संस्थापक बनीं। दोनों के दो बेटे हैं। दिव्या ने BYJU’S के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर इसकी सामग्री और मार्केटिंग रणनीतियों में। बायजू और दिव्या की जोड़ी न केवल पेशेवर रूप से, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी एक मिसाल है।

चुनौतियां और विवाद

सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद BYJU’S को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2023 से कंपनी वित्तीय संकट में फंस गई। इसका कारण बड़े पैमाने पर लिया गया कर्ज, अधिग्रहणों पर अत्यधिक खर्च, और प्रबंधन में खामियां मानी गईं। कंपनी की वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर से घटकर 1 अरब डॉलर से भी कम हो गई। निवेशकों ने बायजू और उनके परिवार को बोर्ड से हटाने की मांग की, और फरवरी 2024 में एक असाधारण साधारण बैठक (EGM) बुलाई गई। हालांकि, बायजू ने इसे अवैध करार दिया।

इसी दौरान भारत की Enforcement Directorate (ED) ने बायजू के खिलाफ जांच शुरू की। ED का आरोप था कि कंपनी ने 2011 से 2023 तक 28,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश प्राप्त किया, जिसमें से 9,754 करोड़ रुपये विदेशी क्षेत्रों में भेजे गए। कंपनी पर वित्तीय अनियमितताओं और देरी से वित्तीय विवरण जमा करने का भी आरोप लगा। इसके परिणामस्वरूप बायजू के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ, जिसके कारण वह कथित तौर पर दुबई में रह रहे हैं।

कंपनी ने कर्मचारियों की छंटनी की, वेतन में देरी हुई, और कई बोर्ड सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। इन सबके बावजूद, बायजू ने हार नहीं मानी और कहा कि वह कंपनी को फिर से पटरी पर लाएंगे।

वर्तमान स्थिति (31 मार्च 2025)

31 मार्च 2025 तक, बायजू रवींद्रन अपनी कंपनी को पुनर्जन्म  देने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने एक भावुक संदेश share किया, जिसमें कहा, “मैं टूटा नहीं हूं। मुझे अपने छात्रों की आंखों की चमक याद है।” वह BYJU’S को फिर से लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें नए निवेश और रणनीति पर जोर दिया जा रहा है। हालांकि, उनकी राह आसान नहीं है, क्योंकि कानूनी और वित्तीय चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं।

निष्कर्ष

बायजू रवींद्रन की कहानी एक रोलर कोस्टर की तरह है—शुरुआत में शानदार सफलता, फिर चुनौतियां, और अब पुनर्जनन की उम्मीद। एक शिक्षक से उद्यमी बनने तक का उनका सफर यह सिखाता है कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए जुनून और मेहनत जरूरी है। BYJU’S ने शिक्षा को तकनीक के साथ जोड़कर लाखों छात्रों के जीवन में बदलाव लाया। भले ही आज कंपनी संकट में हो, लेकिन बायजू का योगदान और उनकी प्रेरणादायक कहानी हमेशा याद रहेगी। क्या वह फिर से उसी ऊंचाई को छू पाएंगे? यह समय ही बताएगा।